कम उम्र में पीरियड्स आना किसी बिमारी का संकेत तो नहीं ? डॉक्टर से जानें इसके पीछे के कारण

Periods at early age: पीरियड्स महिलाओं के जीवन का अहम हिस्सा माने जाते हैं. लड़कियों को पीरियड्स आना एक आम बात है, लेकिन अगर यह…

Periods at early age: पीरियड्स महिलाओं के जीवन का अहम हिस्सा माने जाते हैं. लड़कियों को पीरियड्स आना एक आम बात है, लेकिन अगर यह प्रक्रिया छोटी उम्र में शुरू हो जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. पुराने जमाने में जहां पीरियड्स 11 से 15 वर्ष की उम्र में शुरू होते थे, वहीं आजकल कई लड़कियों को उनका पहला पीरियड महज 9 साल की छोटी सी उम्र में ही आ जाता है. यह आगे चलकर लड़कियों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और आज कल के माता-पिता को क्या करना चाहिए.    

कम उम्र में पीरियड्स होने के कई कारण हो सकते हैं:
– आहार और पोषण
जब बच्चे ज्यादा जंक फूड और उच्च कैलोरी वाला खाना खाते हैं, तो उनके शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. यह असंतुलन बच्चों के शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है और उनके पीरियड्स जल्दी शुरू हो सकते हैं. स्वस्थ और संतुलित आहार बच्चों के सही विकास के लिए बहुत जरूरी है.

– जेनेटिक कारण
यदि परिवार में किसी महिला को जल्दी पीरियड्स आए हैं, तो यह बच्चियों में भी जल्दी पीरियड्स आने की संभावना हो सकती है. माता, दादी या नानी या नजदीकी रिश्तेदारों के अनुभवों का असर बच्चों पर भी पड़ सकता है. यह एक सामान्य कारण है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है

– मोटापा
अर्ली प्यूबर्टी से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. बच्चियों में कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने का एक मुख्य कारण बचपन का मोटापा है. मोटापे की वजह से शरीर में इंसुलिन और एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है. एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में शारीरिक बदलावों के लिए जिम्मेदार होता है.

– स्वास्थ्य समस्याएं
अगर किसी बच्ची को कम उम्र में पीरियड्स हो रहा है, तो माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें बच्ची के साथ प्यार और समझदारी से बात करनी चाहिए. सही आहार देना, जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कराना, और उन्हें शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर कोई समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. इस दौरान, बच्ची को सहानुभूति और समर्थन की भी जरूरत होती है.

– वातावरणीय हार्मोन
कुछ ,हॉर्मोन जैसे बिसफेनॉल ए (BPA) और फाइटोएस्ट्रोजेन हमारे आसपास की चीजों में पाए जाते हैं, जैसे प्लास्टिक की बोतलें और खाने के डिब्बे. ये रसायन शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे बच्चियों में जल्दी पीरियड्स आने की संभावना बढ़ जाती है. इन रसायनों से बचने के लिए हमें प्लास्टिक के बजाय स्टील या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *