Supreme Court : दिल्ली एनसीआर(Delhi-NCR air pollution) में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने आज तीखी टिप्पणी की. एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अपने निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पंजाब और हरियाणा (Punjab -haryana government) दोनों राज्यों के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
दोनों की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये बड़ी समस्या है. कानून इजाजत देता है कि आप ऐसे मामले में अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं लेकिन आप अभी भी केवल नोटिस भेज रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के गठन के तीन साल बाद भी राज्य उसके किसी भी निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर आयोग गंभीर नहीं है. राजनीति के अलावा कुछ नहीं हो रहा है.
पंजाब सरकार (Punjab government) की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को आश्वस्त करने की कोशिश की कि राज्य सरकार ने अपनी ओर से कदम उठाए हैं. जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘हमें और कुछ कहने के लिए मजबूर न करें’ हमें पता है कि आपने किस धारा के तहत एफआईआर दर्ज कराई है.’ सच तो यह है कि राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया है. आपने उस आदमी पर पराली जलाने का मुकदमा नहीं चलाया.
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट रूम में मौजूद पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि आपके खिलाफ उल्लंघन नोटिस जारी किया जाएगा. हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे. कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि आपको जवाब देना होगा. आपने राज्य के महाधिवक्ता (एजी) को गलत बयान क्यों दिया कि पंजाब सरकार ने किसानों की ट्रैक्टर और डीजल की मांग के लिए केंद्र सरकार से धन का अनुरोध किया है (जबकि राज्य सरकार की ओर से केंद्र से ऐसी कोई मांग नहीं की गई है) बताएं कि आपने यह किसके निर्देश पर किया है? हम इस मामले में आपके खिलाफ उल्लंघन नोटिस जारी करेंगे.
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