Mahashivratri 2025: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन का शिव भक्त पूरे साल इंतजार करते हैं. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. इस अवसर पर शिव और पार्वती की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की जाती है. वर्षभर में आने वाली 12 शिवरात्रियों में महाशिवरात्रि को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस वर्ष यह पावन पर्व आज पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है.
महाशिवरात्रि चार पहर पूजन मुहूर्त (Mahashivratri 2025)
प्रथम पहर पूजन का मुहूर्त आज शाम 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
दूसरा पहर के पूजन का मुहूर्त आज रात 9 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी यानी कल अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
तीसरे पहर के पूजन का समय 27 फरवरी यानी कल अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
चौथे पहर के पूजन का समय 27 फरवरी को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
महाशिवरात्रि का पूजन निशिता काल में किया जाता है. निशिता काल का समय- 27 फरवरी यानी कल रात 12 बजकर 09 मिनट से लेकर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा जिसमें भगवान शिन का पूजन किया जाएगा.
महाशिवरात्रि पर बनने वाले शुभ योग (Mahashivratri 2025 Shubh Yog)
गोधूलि मुहूर्त- आज शाम 6 बजकर 17 मिनट से शाम 6 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त- आज दोपहर 2 बजकर 29 मिनट से दोपहर 3 बजकर 15 मिनट तक
महाशिवरात्रि पूजन विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)
महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें. गन्ने के रस, कच्चे दूध या शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें. इसके बाद वहीं खड़े होकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती गाएं. ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें. महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है.
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