Healthy Eyes Tips: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनी डाईट में शामिल करें ये फूड्स, जल्द हट जाएगा चश्मा

Healthy Eyes Tips: आजकल हर कोई हमेशा कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप पर काम करता है. जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है. हर किसी…

Healthy Eyes Tips: आजकल हर कोई हमेशा कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप पर काम करता है. जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है. हर किसी का एवरेज स्क्रीन टाइम (Screen Time) बढ़ता जा रहा है. यह समस्या बच्चों में तो और ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे आजकल पढ़ाई हो या एंटरटेमेंट, हर चीज के लिए बस मोबाइल पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में खानपान की इन चीजों से शरीर को विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और लुटेन की अच्छी मात्रा मिल जाती है जो आंखों की सेहत बनाए रखने में असरदार साबित होती है. यहां जानिए कौनसे हैं ये आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले फूड्स.

सूरजमुखी के बीज
विटामिन ई से भरपूर सूरजमुखी के बीज आंखों की सेहत (Eye Health) को दुरुस्त रखते हैं. सूरजमुखी के बीज खाने पर उम्र बढ़ने के कारण आंखों को होने वाला नुकसान कम होने लगता है. इससे कैटारेक्ट्स की दिक्कत कम होती है. आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए सूरजमुखी के बीज खाए जा सकते हैं.

गाजर
हम बचपन से सुनते आए हैं कि गाजर खाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है. असल में गाजर बीटा कैरोटीन का भरपूर स्त्रोत होता है जिसे शरीर विटामिन ए में बदल देता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में और आंखों को स्वस्थ रखने का काम करता है.

हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, मेथी, बथुआ, सरसों जैसे हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी और ए भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके अलावा इनमें कैरोटीनॉयड ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन भी पाया जाता है. इन प्लांट बेस्ड विटामिन ए के सेवन से मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी उम्र से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है.

अंडे

अंडे अपनी प्रचुर मात्रा में ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और जिंक सामग्री के कारण आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जो एक एंटीऑक्सिडेंट हैं और रेटिना की रक्षा करता है. यह उम्र से संबंधित आंखों की दिक्कतों को दूर रखता है.

बीन्स और फलियां
छोले, चना, राजमा, दालें, अलसी, तरबूज-खरबूजे के बीज जैसे बीज और फलियां इन सभी में जिंक की मात्रा अधिक होती है. यह अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ मिलने पर उम्र की वजह से होने वाली मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है.

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