अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को, भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की. यह कहा कि इसका उद्देश्य भारत की रसद, ऊर्जा एवं रक्षा खरीद को लेकर रूस के साथ संबंधों पर जवाब देना है. यह घोषणा 1 अगस्त 2025 से लागू होगी.
हिमाचल, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में क्या होगा असर?
1.फार्मा क्षेत्र- भारत की कुल फार्मा निर्यात में लगभग 10% हिस्सेदारी अमेरिका की है. यदि टैरिफ लागू होती है, तो जनरिक दवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो सकती है, जिससे निर्यात में ईजाफा नहीं बल्कि गिरावट संभावित है.
2. कपड़ा और वस्त्र उद्योग- भारत वैश्विक कपड़ा निर्यात में अहम भूमिका निभाता है; अमेरिका प्रमुख बाज़ार है.
सूरत, गहना और टेक्सटाइल सेक्टर में गुजरात–पंजाब से निर्यात प्रभावित हो सकता है, अगली कुछ महीनों में ऑर्डर रद्द भी हो सकते हैं.
3. आईटी और सेवा क्षेत्र- हालांकि सेवा निर्यात पर टैरिफ लागू नहीं होते, लेकिन भविष्य में “अमेरिका में हायरिंग” जैसी नीति दोबारा लागू होने की स्थिति में गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर की IT कंपनियों को ठेस पहुंच सकती है.
व्यापार वार्ताओं से ठीक पहले किया गया एलान:
यह घोषणा भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं का समय सीमा से ठीक पहले किया गया एक बड़ा झटका है. इससे निर्यात उद्योगों को जबरदस्त दबाव का सामना करना पड़ सकता है. अगर यह टैरिफ स्थायी रूप से लागू होती है, तो फार्मा, कपड़ा और सेवा क्षेत्र में लंबे समय तक नुकसान की आशंका है. भारत को आपात व्यापार रणनीति तैयार करनी होगी, ताकि निर्यातकों को संरक्षण, वैश्विक बाजार पहुंच, और मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता बनी रहे. इसके अलावा अन्य अनेक क्षेत्रों में इसका असर देखने को मिलेगा.
भारत-अमेरिका व्यापार का परिदृश्य:
भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2024–25 में लगभग $186 बिलियन था, जिसमें भारत की निर्यात मात्रा लगभग $86.5 बिलियन रही थी. अमेरिका से आयात हुआ $45.3बिलियन. भारत वर्ष 2024 में अमेरिका को $87 बिलियन से अधिक मूल्य के सामान निर्यात कर चुका है .
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