Babasaheb Ambedkar Jayanti: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम मोदी ने आज सोमवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के तमाम नेता भी उपस्थित रहे.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अंबेडकर का योगदान आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करता रहेगा. (Along with PM Modi, these big personalities paid tribute to Dr. Babasaheb Ambedkar on his 135th birth anniversary)
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद अंबेडकर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों के माध्यम से पूरे विश्व में सम्मान प्राप्त किया। राष्ट्रपति ने कहा कि वह शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और दलितों के सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन मानते हैं.
भीम राव अंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंबेडकर की प्रेरणा के कारण ही देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने के लिए समर्पित है.
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि अंबेडकर के सिद्धांत और विचार ‘आत्मनिर्भर’ और विकसित भारत के निर्माण को मजबूत और तेज करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, “सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि. उनकी प्रेरणा से ही आज देश सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने के लिए समर्पित है. उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को शक्ति और गति देंगे।”
अम्बेडकर को अनुसूचित जातियों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष करने तथा संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है.
1891 में एक दलित परिवार में जन्मे अंबेडकर एक मेधावी छात्र थे, जो पढ़ाई के लिए विदेश गए थे. भारतीय समाज में उनके साथ हुए भेदभाव ने उन्हें एक प्रतिबद्ध समाज सुधारक बना दिया. वह भारत के पहले कानून मंत्री थे और 1956 में उनकी मृत्यु हो गई.
खबरो के लिए जुड़े रहिए Living India News के साथ 24/7 live