Holika Dahan 2025 Muhurt: हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन करने की परंपरा है. इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा. होलिका दहन का त्योहार बुराई की अच्छाई पर जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहने वाला है. इसलिए होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है. आइए आज जानते हैं कि होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा. होलिका दहन का मुहूर्त क्या है और होलिका दहन से पूर्व पूजा का विधान क्या है.
होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan 2025 shubh muhurt and timing)
होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है. इस बार पूर्णिमा तिथि 13 मार्च यानी आज सुबह 10.36 से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12.23 तक रहेगी. पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल आरम्भ हो जाएगा. जो रात 11.26 तक रहेगा. इसलिए भद्रा काल से बचते हुए 13 मार्च की रात को 11.27 के बाद होलिका दहन किया जाएगा.
होलिका दहन से पहले क्या करें? (Holika Dahan 2025 puja vidhi)
पूजा की थाली लेकर होलिका दहन वाली जगह पर जाएं.
भूमि को प्रणाम करें और जल अर्पित करें.
इसके बाद उसी स्थान पर एक दीपक जलाएं. गोबर के उपले, हल्दी और काले तिल के दाने होलिका में डालें.
होलिका की तीन बार परिक्रमा करते हुए कलावा बांधें. फिर सूखा हुआ नारियल चढ़ाएं. आखिर में घर के लोगों को और स्वयं को रोली या हल्दी का तिलक लगाएं.
कैसे करें होलिका दहन? (Holika Dahan 2025)
होलिका दहन में किसी वृक्ष कि शाखा को जमीन में गाड़कर, उसे चारों तरफ से लकड़ी, उपले से घेरकर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है. इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेहूं की नई बालियां और उबटन जलाया जाता है. ताकि वर्ष भर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो और उसकी सारी बुरी बलाएं अग्नि में भस्म हो जाएं. होलिका की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है.
होलिका दहन की विशेषता (Holika Dahan 2025)
होलिका दहन के दिन मन की तमाम समस्याओं का निवारण हो सकता है. रोग, बीमारी और विरोधियों की समस्या से निजात मिल सकती है. आर्थिक बाधाओं से राहत मिल सकती है. अगर आप ईश्वर की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. अलग-अलग चीजों को अग्नि में डालकर अपनी अपनी बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं.
खबरो के लिए जुड़े रहिए Living India News के साथ 24/7 live