Bihar: बिहार में भगवान राम, माता सीता और कौआ के नाम से, प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन

बिहार में ऑनलाइन आवासीय प्रमाणपत्र बनाने के अजब मामले सामने आ रहे हैं. डॉग बाबू के नाम से ऑनलाइन निवास प्रमाणपत्र बनने का मामला के…

बिहार में ऑनलाइन आवासीय प्रमाणपत्र बनाने के अजब मामले सामने आ रहे हैं. डॉग बाबू के नाम से ऑनलाइन निवास प्रमाणपत्र बनने का मामला के बाद, अब खगड़िया जिले के दो अलग-अलग अंचल कार्यालयों में कौवा और भगवान राम व माता सीता के नाम से निवास प्रमाणपत्र बनाने का ऑनलाइन आवेदन आया है. इन आवेदनों के फोटो वाले जगहों पर कौआ, भगवान राम और माता सीता की तस्वीर हैं. स्थानीय प्रशासन के संज्ञान मामला आने के बाद तीनों आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है और अज्ञात के खिलाफ चित्रगुप्त नगर थाना और चौथम थाना में केस दर्ज किया गया है.

आवेदन में नाम-कौआ, पिता -कौआ सिंह, माता- मैना सिंह-
पहला मामला जिले के खगड़िया सदर अंचल का है. जहां के RTPS काउंटर पर निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन आया. जिसमें आवेदक का नाम- कौआ, पिता का नाम- कौआ सिंह, माता का नाम- मैना सिंह, ग्राम भदास, जिला- खगड़िया बताया गया. साथ ही इस आवेदन पर कौआ की तस्वीर भी लगी हुई है. यह आवेदन ऑनलाइन पिछले साल 12 दिसंबर 2024 को किया गया था. खगड़िया अंचलाधिकारी अमीर हुसैन ने कहा कि इस आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है. राजस्व अधिकारी शंभू कुमार के आवेदन पर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट की गई है.

आवेदक का नाम राम और सिता-
दूसरा मामला जिले के चौथम अंचल का है. जहां निवास प्रमाणपत्र के लिए दो चौंकाने वाले ऑनलाइन आवेदन किए गए. एक में आवेदक का नाम श्री राम, पिता- दशरथ, माता का नाम -कौशल्या, गांव- अयोध्या, थाना- चौथम, जिला- खगड़िया बताया गया. जबकि दूसरे में आवेदक नाम -श्री मति माता सीता, पिता- राजा जनक, माता का नाम- रानी सुनैना, गांव -अयोध्या, थाना -चौथम, जिला खगड़िया बताया गया. चौथम अंचल के अधिकारी रवि राज के आवेदन पर चौथम थाना में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया. शिकायत में कहा गया है कि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त गलत आवेदन विभागीय कार्रवाई को धुमिल करने के मंशा से किया गया है.

पहले भी आए इस तरह के आवेदन-
इससे पहले भी राज्य में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. जब अलग-अलग अंचल कार्यालय में कभी डॉग बाबू तो कभी डॉगेश बाबू,कभी Kkkkkkk, कभी bbbbb, कभी सोनालिका कुमारी तो कभी सैमसंग और ब्लूटूथ के नाम पर आवास प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन आरटीपीएस के जरिए किया गया था. हालांकि इन सभी मामलों के संज्ञान में आने के बाद से तत्कालीन पर कार्रवाई भी की गई थीं.

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