Big News: पहली बार मर्दों के लिए बनी बर्थ कंट्रोल पिल्स

 CONTRACEPTIVE PILLS FOR MEN: हाल ही में वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए भी एंटी-प्रेग्नेंसी दवा डेवलप की है। इसका नाम है- YCT-529, जो पुरुषों में…

 CONTRACEPTIVE PILLS FOR MEN: हाल ही में वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए भी एंटी-प्रेग्नेंसी दवा डेवलप की है। इसका नाम है- YCT-529, जो पुरुषों में बिना हार्मोनल चेंज के प्रेग्नेंसी रोकने में कारगर साबित हो रही है। इस नॉन-हार्मोनल गोली का पहला इंसानी ट्रायल (फेज 1a) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

कैसे काम करती हैं ये गोली ?
YTC-529 गोली पुरूषो में स्पर्म बनने का प्रोसेस को कंट्रोल करने वाले प्रोटीन को रोकती हैं.
इस वजह से , यह दवा से टम्परेरी रूप से स्पर्म प्रोडक्शन को रोक देती है। इस टेस्ट से पहले दवा को चूहों और मादा बंदरों पर टेस्ट किया गया था, जिसमें इसकी इफेक्टिवनेस 99% तक की दिखी थी।
यह पहला इंसानी ट्रायल 16 हेल्दी पुरुषों पर हुआ, जिसमें सभी को अलग-अलग डोज दी गई। इसके बाद रिपोर्ट में सामने आया कि, किसी भी पार्टिसिपेंट को कोई सीरियस साइड इफेक्ट नहीं हुआ। हालांकि अब अगले फेज के ट्रायल के लिए दवा को भेज दिया गया है।

रिवर्सिबल प्रोसेस
गोली बंद करने के 4 से 6 सप्ताह के भीतर स्पर्म प्रोडक्शन फिर से शुरू हो जाता है और Fertility वापस आ जाती है.
दैनिक खुराक
शुरुआत में अनुमान है कि इस गोली को रोजाना लेना होगा, लेकिन आगे के ट्रायल से और स्पष्टता मिलेगी.
अगले फेज
अब 28 और 90 दिनों के लिए नए परीक्षण चल रहे हैं, जिसमें यह देखा जाएगा कि गोली शुक्राणुओं पर कितना असर करती है.
अगले ट्रायल में भाग लेने वाले पुरुषों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
भविष्य में, गर्भावस्था पर वास्तविक प्रभाव देखने के लिए दम्पतियों का भी परीक्षण किया जाएगा. YCT-529 पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोली की दिशा में एक बड़ा कदम है.  YCT-529 नाम की इस नई गोली ने पहला ह्यूमन सेफ्टी टेस्ट पास हो गया है. ये गोली बिना हार्मोन के पुरुषों में शुक्राणु (स्पर्म) बनने की प्रक्रिया को रोकती है. अभी ये शुरुआती टेस्ट है, जिसमें 16 लोगों पर जांच की गई कि गोली शरीर में सही मात्रा में पहुंचती है या नहीं और क्या इससे कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स होते हैं. और इसका कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं दिखा. अब ये गोली बड़े टेस्ट्स की ओर बढ़ रही है, जहां इसकी सेफ्टी और असर दोनों की जांच होगी. यह यह शोध कम्युनिकेशंस मेडिसिन की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है.

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