CDS: अगर शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें, – CDS अनिल चौहान का पाकिस्तान को संदेश

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान को सीधा मैसेज दिया है. उन्होंने देश की सुरक्षा और भविष्य की…

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान को सीधा मैसेज दिया है. उन्होंने देश की सुरक्षा और भविष्य की तैयारियों पर भी कई जानकारियां दी हैं. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति का समर्थक रहा है, लेकिन ताकत के बिना शांति केवल एक कल्पना बनकर रह जाती है.

भारत की रक्षा प्रणाली पर चर्चा-
जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर और आने वाले समय में भारत की नई रक्षा प्रणाली सुदर्शन चक्र पर भी खुलकर चर्चा की. CDS ने कहा कि आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल शांति की इच्छा पर्याप्त नहीं, बल्कि इसके साथ-साथ रणनीतिक शक्ति और तैयारी भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र न सिर्फ देश के सैन्य और नागरिक स्थलों की रक्षा करेगा, बल्कि यह भारत की रक्षा रणनीति में नई दिशा भी तय करेगा.


जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर और आने वाले समय में भारत की नई रक्षा प्रणाली सुदर्शन चक्र पर भी खुलकर चर्चा की. CDS ने कहा कि आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल शांति की इच्छा पर्याप्त नहीं, बल्कि इसके साथ-साथ रणनीतिक शक्ति और तैयारी भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र न सिर्फ देश के सैन्य और नागरिक स्थलों की रक्षा करेगा, बल्कि यह भारत की रक्षा रणनीति में नई दिशा भी तय करेगा.

‘ताकत के बिना शांति सिर्फ एक कल्पना है’-
सीडीएस चौहान ने साफ किया कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन ताकत के बिना शांति सिर्फ एक कल्पना है. भारत शांति प्रिय राष्ट्र है, लेकिन हमें किसी भी स्थिति में शांतिवादी नहीं समझना चाहिए. शांति बनाए रखने के लिए शक्ति जरूरी है. जैसा कि एक लैटिन कहावत है कि अगर शांति चाहते हो तो युद्ध के लिए तैयार रहो.

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर क्या बोले सीडीएस-
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक आधुनिक संघर्ष था, जिससे कई अहम सीख मिली हैं. उन्होंने कहा कि कई सुधार लागू किए जा चुके हैं और कुछ पर काम चल रहा है. यह ऑपरेशन अभी भी जारी है, लेकिन इस सेमिनार का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करना नहीं, बल्कि उससे आगे की रणनीति पर बात करना है.
भारत की नई रक्षा प्रणाली सुदर्शन चक्र को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को इसका जिक्र किया था और उम्मीद जताई थी कि 2035 तक यह तैयार हो जाएगा. यह सिस्टम भारत के अहम सैन्य, नागरिक और राष्ट्रीय स्थलों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा.

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