Benefits of eating fish: रोजाना मछली का सेवन करने से इन बीमारियें से मिलेगा छुटकारा ! जाने इस से होने वाले 5 जबरदस्त फायदे

Benefits of eating fish in winters: मछली को सबसे हेल्दी फूड माना जाता है जिसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. मछली में क्वालिटी प्रोटीन…

Benefits of eating fish in winters: मछली को सबसे हेल्दी फूड माना जाता है जिसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. मछली में क्वालिटी प्रोटीन के साथ साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन-डी, विटामिन-B2, आयरन, जिंक, आयोडीन, मैग्नीशियम और पौटेशियम जैसे हेल्दी फैट भी पाए जाते हैं. इसलिए इसका सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.(Benefits of eating fish in winters) 

इसके अलावा मछली में कई अन्य तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. मछली के सेवन से हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है. वहीं, डिप्रेशन और टाइप-1 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है.  आइए जानते हैं नियमित रूप से मछली खाने के क्या फायदे होते हैं…

हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लिए अच्छा
दिल के मरीजों के लिए भी मछली बहुत फायदेमंद है. इसमें पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल को मजबूत बनाता है. ओमेगा-3 ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) के खतरे को भी कम करता है.

दिमाग के लिए फायदेमंद
रिसर्च के मुताबिक,  मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो दिमाग के लिए फायदेमंद है. साथ ही मानव मस्तिष्क में पाए जाने वाले मेम्ब्रेन n-3 FAs के लिए मछली बहुत ही अच्छी मानी जाती है. इसके अलावा, मछली बूढ़े लोगों में डिमेंशिया जैसे भूलने की बीमारी को भी दूर करती है. एक स्टडी से ये भी पता चला है कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी मछली खाना अच्छा होता है क्योंकि इससे बच्चे का दिमाग विकसित होता है. 

आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद करते हैं. WebMD के मुताबिक, आंखों के रेटिना को दो तरह के ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है: डीएचए (DHA) और इपीए (EPA). ये दोनों ही फैटी एसिड साल्मन, टूना और ट्राउट जैसी मछलियों में पाए जाते हैं

तनाव दूर करती है
मछली खाने से सिर्फ फिजिकल हेल्थ ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है. कुछ स्टडीज से पता चला है कि जो लोग रोजाना मछली का सेवन करते हैं उन्हें किसी भी तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं. साथ ही मछली स्ट्रेस, एंग्टाइटी और तनाव को भी कम करती है. 

अस्थमा से बचाव
स्टडीज से ये भी पता चला है कि मछली में एन-3 ऑयल पाया जाता है जो अस्थमा के जोखिम को कम करता है. अस्थमा के साथ साथ मछली क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज यानी सीओपीडी (COPD) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसे डायरिया और स्किन एलर्जी के लिए फायदेमंद मानी जाती है. 

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