Punjab News: पंजाब में सरकार और राजभवन के बीच अक्सर तनातनी बनी रहती है. इस बीच एक बार फिर राज्यपाल बरनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है. इस बार राज्यपाल ने सीएम को यह पत्र किसी बिल या सत्र की मंजूरी को लेकर नहीं, बल्कि सुनाम विधायक और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को लेकर लिखा है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूछा है कि आपके विधायक और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को सुनाम की अदालत ने एक मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है, फिलहाल उन्हें हाई से स्टे नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (नल लोक परहार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया) के मामले में आदेश दिया था कि यदि किसी एमएलए, एमपी या एमएलसी को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है. तो उसकी सदस्यता तुरन्त समाप्त कर दी जायेगी और उसे तुरन्त अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा.
इसके साथ ही राज्यपाल ने 26 जनवरी को अमन अरोड़ा द्वारा तिरंगा फहराने पर भी सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन पर देश का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व एक अयोग्य विधायक को सौंपने का कृत्य न केवल पवित्रता को कमजोर करता है. देश का. डालता है कानूनी व्यवस्था संविधान की पवित्रता को भी कमजोर करती है. यह प्रणाली नागरिकों को नैतिकता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के संबंध में एक परेशान करने वाला संदेश भी भेजती है.