Himchal Weather Today: हिमाचल में शुक्रवार को ऑरैंज अलर्ट के बीच में शिमला सहित कई जगह बारिश का क्रम जारी रहा. साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं, वहीं लाहौल-स्पीति में तीन जगह बादल फटने की खबर है. लैंडस्लाइड की वजह से मनाली-लेह हाईवे बंद हो गया. अटल टनल की ओर जाने वाले सड़क मार्ग पर लैंडस्लाइड होने से सड़क फिर से बाधित हो गई. रानीनाला में सड़क धंसने की स्थिति को देखते हुए रोहतांग रोड शनिवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है.
5 अगस्त तक जारी रहेगा यैलो अलर्ट:
मौसम विभाग के अनुसार आगामी 4 दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया. शनिवार को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर, रविवार को चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा. 4 अगस्त को मानसून की गति और बढ़ने की संभावनाएं हैं. 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए भी यैलो अलर्ट जारी किया गया है.
बारिश से अनेक सड़क मार्ग बाधित:
कुल्लू की सैंज घाटी की गाड़ा पारली पंचायत में पुल और रास्ते टूटे जिससे 4 गांवों का संपर्क आपस में कट गया. पंडोह के पास भूस्खलन से मंडी-मनाली नैशनल हाईवे बंद हो गया था. वहीं लाहौल-स्पीति के जिस्पा में मरशेन नाले में फ्लैश फ्लड आया. पूहरा नाला में भी फ्लैश फ्लड आया, जिससे चंबा के पांगी को जाने वाला उदयपुर-किलाड़ रोड बंद हो गया है. साथ ही एक कार भी बह गई. अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुक्सान की सूचना नहीं है.
अब तक 1678 करोड़ रुपए का नुक्सान, 176 लोगों की मौत:
सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) सड़क बहाली के कार्य में जुट गया है. हालांकि शाम तक राज्य के 2 जिलों में 2 नैशनल हाईवे और 283 संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे. इनमें लाहौल-स्पीति जिले में एन.एच. 303 जिस्पा से सरचू के बीच में जिस्पा के पास अवरुद्ध है, जबकि मंडी जिले में एन.एच. 21 पंडोह में बनाला के पास अवरुद्ध चला हुआ हैय. जिला मंडी में 174 बंद हैं, जबकि कुल्लू जिला में 67, चंबा में 21 व कांगड़ा में 15 मार्ग बंद हैं. राज्य में 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं बाधित हैं. इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक प्रदेश में विभिन्न हादसों से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अभी भी लापता हैं. प्रदेश को मानसून से अब तक 1678 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुक्सान हो चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 865 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 567 करोड़ रुपए चपत लग चुकी है.
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