Chandigarh News: चंडीगढ़ में परफॉर्म करने पर पंजाबी गायकों ने तोड़ी चुप्पी, कही बड़ी बात

Chandigarh News : पिछले कुछ समय से चंडीगढ़ में गायकों द्वारा किए जा रहे शो को लेकर प्रशासन खासकर चंडीगढ़ पुलिस(Chandigarh police)  सुर्खियों में है.…

Chandigarh News : पिछले कुछ समय से चंडीगढ़ में गायकों द्वारा किए जा रहे शो को लेकर प्रशासन खासकर चंडीगढ़ पुलिस(Chandigarh police)  सुर्खियों में है. हाल ही में दिलजीत दोसांझ (Diljit dosanjh) ने मंच पर कहा था कि भारत में शो करने के लिए कोई स्ट्रक्चर नहीं है यानी कोई आधिकारिक गाइडलाइंस नहीं हैं.

इस साल चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी और सतिंदर सरताज (Satinder Sartaj) टीम के अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों को उनके शो के बाद एक पत्र भी लिखा था, जिसमें पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार का जिक्र किया गया था. (Punjabi singers broke their silence on performing in Chandigarh) 

इसी तरह करण औजले के शो के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने उन पर 1 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया है कि उन्होंने परमिट और परमिशन मिलने से पहले विज्ञापन क्यों दिए. यहां गौरतलब है कि हर विभाग गायक से आवेदन लेता रहता है और शो पास करने के लिए ब्लैकमेल करता रहता है.
उदाहरण के तौर पर अकेले दिलजीत दुसांझ के शो से चंडीगढ़ को 2 करोड़ से ज्यादा जीएसटी का भुगतान होने की उम्मीद है. बुक माई शो के संदर्भ में, सतिंदर सरताज ने पिछले साल जीएसटी में 3 करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान किया है.

इस बर्ताव के चलते दिलजीत दुसांझ ने मंच से प्रशासन की आलोचना की है. जिन अधिकारियों ने परमिट देना शुरू किया वे गायक को ऐसा महसूस कराते हैं मानो उन्होंने परमिट देकर बहुत बड़ा नुकसान कर दिया हो. सतिंदर सरताज की टीम ने कहा कि पंजाब में लगभग सभी डीसी या एसएसपी काफी सहयोग करते हैं लेकिन कई बार मौके पर तैनात कर्मचारियों का सहयोग नहीं मिल पाता.

सतिंदर सरताज (Satinder Sartaj)ने पंजाब सरकार खासकर मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस तरह के व्यवहार को रोकने की अपील की है. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए एक ‘एक खिड़की’ की व्यवस्था की जानी चाहिए जहां कलाकार द्वारा केवल एक ही आवेदन किया जाए और सरकार स्वयं सभी परमिट ले. 

बता दें सतिंदर सरताज पंजाब के गायक हैं जिन्होंने पंजाब में टिकट वाले शो का मॉडल लाया जिसके कारण परिवार विशेष रूप से महिलाएं जाकर उनका आनंद ले सकती हैं अन्यथा पंजाबी गायन केवल शादियों, मेलों या कबड्डी में ही सुना जाता था जहां माहौल गंभीर नहीं होता था.

खबरो के लिए जुड़े रहिए Living India News के साथ 24/7 live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *