RBI Repo Rate News: अगस्त में होम लोन लेने वालो के लिए खुशखबरी है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में कटौती कर सकता है, जिससे लोन और सस्ता हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस साल के अंत तक 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती कर सकता है. आरबीआई अगस्त में होने वाली बैठक में फिर से रेपो रेट घटा सकता है.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिए हैं कि अगस्त में होने वाली बैठक में रेपो रेट घटाया जा सकता है, जिससे इस साल के अंत तक 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती हो सकती है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि न्यूट्रल रुख का मतलब यह नहीं है कि नीतिगत दरें नहीं घटाई जा सकती हैं. जरूरत पड़ने पर दरों में कटौती भी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के महंगाई आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ही आगे के अनुमान और दर समायोजन पर निर्णय लिया जाएगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो FY26 के लिए महंगाई का अनुमान घटकर 3.5% से नीचे आ गया है, जो रेट कट के लिए सकारात्मक संकेत है. जून में खुदरा महंगाई (CPI) 2.1% तक गिर गई है, जो 77 महीने का सबसे निचला स्तर है. इससे उम्मीद है कि अगस्त, अक्टूबर या दिसंबर तक ब्याज दरें घट सकती हैं, जिससे लोन सस्ते हो जाएंगे. और अगर ब्याज दरें घटती हैं, तो आपकी EMI भी कम हो सकती है और नया लोन लेना भी सस्ता हो जाएगा.
ब्याज दरें घटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून में कारों की बिक्री 18 महीनों के निचले स्तर पर आ गई. साथ ही, अप्रैल-जून में देश के टॉप-7 शहरों में घरों की बिक्री भी 20% तक घट गई. वहीं, जून में ज्वैलरी का निर्यात 14.25% घट गया. हीरों के आयात में भी 7% से ज्यादा गिरावट देखी गई. जिसके चलते ब्याज दरें घटाने की जरूरत महसूस हुई है.
रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ सकती है महंगाई
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी सिटी के अनुसार, जुलाई में भारत में खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड निचले स्तर 1.1% पर पहुंच सकती है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025-26 में औसत महंगाई दर घटकर 3.2% रहने का अनुमान है, जो 1990 के बाद से सबसे कम दर होगी.