ईरान में कैद भारतीय युवक के परिवार ने केंद्र और पंजाब सरकार से लगाई मदद की गुहार

Punjab News: मुकेरियां विधानसभा क्षेत्र के गांव कलोटा का रहने वाला 22 वर्षीय युवक मनोज कुमार डेढ़ साल पहले मर्चेंट नेवी में शामिल होने के…

Punjab News: मुकेरियां विधानसभा क्षेत्र के गांव कलोटा का रहने वाला 22 वर्षीय युवक मनोज कुमार डेढ़ साल पहले मर्चेंट नेवी में शामिल होने के लिए घर छोड़कर चला गया था. पिछले कुछ दिनों से परिवार का मनोज से कोई संपर्क नहीं हुआ है. मनोज कुमार के परिवार का कहना है कि दुबई की मर्चेंट नेवी की निजी कंपनी में काम करने वाले भारतीयों के 9 क्रू को ईरान मर्चेंट नेवी ने कैद कर लिया है.

पवन कुमार ने बताया कि उनका बेटा पंज ओसिएनिक कंपनी अलमोटावेस्ट मैरिंग सर्विस एजेंसी दुबई में काम करता था. जो हाल ही में 9 खाज क्रू सदस्यों के साथ रज़िका पोर्ट, ज़ांज़ीबार से ईरान के लिए रवाना हुआ. वहां पहुंचकर ईरानी मर्चेंट नेवी ने उन्हें पहले कुछ दिनों तक बंदरगाह पर रखा और 15 मई को सभी भारतीय चालक दल के सदस्यों को ले जाने के बहाने अहवाजी जेल ले गए और कैद कर लिया.

उन्होंने कहा कि अभी तक उनके बेटे का केवल एक ऑडियो संदेश मिला है जिसमें उन्होंने बताया है कि जहाज के सभी 9 भारतीयों को जेल में डाल दिया गया है और हमें पीटने के अलावा खाना भी नहीं दिया गया है उन्होंने कहा कि किसी तरह हमें यहां से बचाया जाए. इस मामले को लेकर परिवार ने भारतीय विदेश मंत्रालय को एक मेल भी भेजा है. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया. 

इस मौके पर पिता पवन ने कहा कि मनोज डेढ़ साल पहले मर्चेंट नेवी में भर्ती हुआ था और घर से काम पर गया था और दुबई में एक जहाज पर काम कर रहा था. एक महीने पहले बेटा कार्गो विमान से दुबई से ईरान जा रहा था, लेकिन उसके बाद कई दिनों तक मनोज से कोई संपर्क नहीं हुआ. 

पांच दिन पहले मनोज के साथ विमान में काम करने वाले व्यक्ति ने कहा था कि हमारे विमान को ईरान में पकड़ लिया गया है और चालक दल के सभी सदस्यों को ईरानी पुलिस गिरफ्तार कर ले गई है. कुछ दिन पहले मनोज को फोन पर एक वॉयस मैसेज मिला जिसमें मनोज ने रोते हुए बताया कि ईरान की जेल में हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है और बहुत कम खाना दिया जाता है. पवन ने कहा कि हमें यह भी नहीं पता कि ईरान ने हमारे बच्चों को किस जुर्म में कैद किया है. परिवार ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से अपील की है कि हमारे बच्चों को जल्द से जल्द भारत लाने में मदद करें.

 

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